सोमवार, 16 जून 2014

पूर्वजन्म पाप दोष निवारण साधना

इस मंत्र को '' श्री गोरक्षनाथ शाबरी गायत्री मंत्र '' कहा जाता है,मंत्र पूर्णतः शुद्ध है और तीव्र भी है.

मंत्र:-

सत नमो आदेश | गुरूजी |ओम गुरूजी ओम कारे शिव रुपी संध्या ने साध रुपी मध्याने हंस रुपी हंस - परमहंस द्वी  अक्षर गुरु तो गोरक्ष काया तो गायत्री ओम तो ब्रम्हा सोऽहं तो शक्ति,शून्य तो माता ,अवगति पिता ,अभय पंथ अचल पदवी निरन्जर गोत्र अलील वर्ण विहंगम जाती असंख्य प्रवर अनन्त शाखा सूक्ष्म वेद .आत्मा ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी श्री ओम गो गोरक्षनाथ विद्महे शून्य पुत्राय धीमहि तन्नो गोरक्ष निरंजन प्रचोदयात ,इतना गोरक्ष गायत्री पठयन्ते हरते पाप श्रूयते सिद्धि निश्चया जपन्ते परम ज्ञान अमृतानंद मनुष्याते |नाथजी गुरूजी को आदेश |आदेश |श्री सदगुरु निखिलेश्वरानंन्द नाथ जी के चरण कमल को आदेश |आदेश |

इस मंत्र को किसी भि पूर्णिमा से प्रारंभ कर सकते है,मंत्र जाप से पहिले सदगुरुजी से मानसिक रूप मे आज्ञा प्राप्त करनी जरुरी है,मंत्र जाप माला या बिना किसी माला से भी कर सकते है.जिनकी गुरुदीक्षा हुई है उन्ही लोगो को मंत्र का लाभ हो सकता है.

इस साधना से नवनाथ कृपा होकर पाप नष्ट होते है और परम ज्ञान कि प्राप्ति होति है.साधना काल मे शुद्धता का पालन महत्वपूर्ण है अन्यथा हानि भी होती है.ज्यादा विवरण देना संभव नहीं.क्युकी यह साधना करनी ही अनुभूतियो कि बात है.

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